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10 Jun 2023 · 1 min read

०अर्कान – मफाईलुन मफाईलुन फऊलुन

०अर्कान – मफाईलुन मफाईलुन फऊलुन
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विषय :- प्रेम विरह गीत
रस :- श्रृंगार ( वियोग )
छंद :- विजात छंद

#मुखड़ा

तुम्हें देखूँ सँवर जाऊँ।
न देखूँ तो बिखर जाऊँ।।

#अंतरा-१
तुम्हारे बिन सुनो कृष्णा।
मुझे जीवन लगे तृष्णा।।
बनी जोगन खड़ी राधा।
तुम्हें चाहा तुम्हें साधा।।

बिछड़ना सोच डर जाऊँ।
न देखूँ तो बिखर जाऊँ।।

#अंतरा-२
मिलन राधा मदन तरसे।
सुनी मुरली चली घर से।।
हृदय गिरधर मिटा पीड़ा।
करें मिलकर मधुर क्रीड़ा।।

सँवरिया घुट न मर जाऊँ।
न देखूँ तो बिखर जाऊँ।।

#अंतरा-३
मयूरा मन नहीं हुलसा।
मदन मोहन हिया झुलसा।।
जिया रुक जा जरा थम जा ।
कहे मोहन मदन रम जा ।।

प्रणय सर में उतर जाऊँ।
न देखूँ तो बिखर जाऊँ।।

#अंतरा-४

गिरे बिजली जलद बरसे।
मिलन को राधिका तरसे।।
हिया जोगन तरसता है।
विरह बन सर्प डसता है।।

बता दे किस नगर जाऊँ।
न देखूँ तो बिखर जाऊँ।।

नीलम शर्मा ✍️

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