बेटा पढ़ाओ कुसंस्कारों से बचाओ
आदमी कई दफ़ा झूठ बोलता है,
जीवन और रोटी (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
बहते हुए पानी की तरह, करते हैं मनमानी
आधुनिक घर की कहानी अजीब दौर है,इंसा दूर है, तकनीक पास है।।
शिक्षा मे भले ही पीछे हो भारत
पाक दामन मैंने महबूब का थामा है जब से।
*** पल्लवी : मेरे सपने....!!! ***
बदनाम ये आवारा जबीं हमसे हुई है
मृदा प्रदूषण घातक है जीवन को
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
बेटी
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
आँखों-आँखों में हुये, सब गुनाह मंजूर।
मध्यम परिवार....एक कलंक ।
*जब जन्म लिया तो मरना है, मरने से कैसा घबराना (राधेश्यामी छं