मुझे भी "याद" रखना,, जब लिखो "तारीफ " वफ़ा की.
दिल चाहता है अब वो लम्हें बुलाऐ जाऐं,
फर्श पे गिर के बिखर पड़े हैं,
*मची हैं हर तरफ ऑंसू की, हाहाकार की बातें (हिंदी गजल)*
कभी सोच है कि खुद को क्या पसन्द
दुःख, दर्द, द्वन्द्व, अपमान, अश्रु
श्री श्याम भजन 【लैला को भूल जाएंगे】
बुरा लगे तो मेरी बहन माफ करना
सुनो जब कोई भूल जाए सारी अच्छाइयों. तो फिर उसके साथ क्या किय
The emotional me and my love
यह जो आँखों में दिख रहा है
"बेज़ारे-तग़ाफ़ुल"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
रावण का परामर्श
Dr. Harvinder Singh Bakshi
कहते हैं लड़कों की विदाई नहीं होती .