गुलाब भी कितना मुस्कराता होगा,
❤️ मिलेंगे फिर किसी रोज सुबह-ए-गांव की गलियो में
जिस अयोध्या नगरी और अयोध्या वासियों को आप अपशब्द बोल रहे हैं
आपके छोटे-छोटे मीठे आचार-व्यवहार,
हम हरियाला राजस्थान बनायें
रफ्ता रफ्ता हमने जीने की तलब हासिल की
सुना हूं किसी के दबाव ने तेरे स्वभाव को बदल दिया
किसी को इतना भी प्यार मत करो की उसके बिना जीना मुश्किल हो जा
इंसान भी बड़ी अजीब चीज है।।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
*करो अब चाँद तारे फूल, खुशबू प्यार की बातें (मुक्तक)*