हर मनुष्य के अंदर नेतृत्व की भावना होनी चाहिए।
भाग्य
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
दर्शक की दृष्टि जिस पर गड़ जाती है या हम यूं कहे कि भारी ताद
व्यक्ति और विचार में यदि चुनना पड़े तो विचार चुनिए। पर यदि व
जो व्यक्ति दुःख और सुख दोनों में अपना सहमति रखता हो वह व्यक्
यदि मेरी चाहत पे हकीकत का, इतना ही असर होता
" बादल या नैना बरसे "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
मां वाणी के वरद पुत्र हो भारत का उत्कर्ष लिखो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
*सूने पेड़ हुए पतझड़ से, उपवन खाली-खाली (गीत)*
जो नहीं मुमकिन था, वो इंसान सब करता गया।
अनुरक्ति की बूँदें
singh kunwar sarvendra vikram