सदा प्रसन्न रहें जीवन में, ईश्वर का हो साथ।
मेरे शब्दों में जो खुद को तलाश लेता है।
- दिल की धड़कन में बसी हो तुम -
आदिवासी कभी छल नहीं करते
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
दिल की बात आंखों से कहने में वक्त लगता है..
*अफसर की बाधा दूर हो गई (लघु कथा)*
देश में न गऱीबी, न भुखमरी, न बेरोजगारी। पांच किलो राशन (बाजर
पेड़ों की छाया और बुजुर्गों का साया
ये भावनाओं का भंवर है डुबो देंगी
हमें जीवन में अपने अनुभव से जानना होगा, हमारे जीवन का अनुभव
नए वर्ष की इस पावन बेला में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"काफ़ी अकेला हूं" से "अकेले ही काफ़ी हूं" तक का सफ़र