कोई शिकायत आपको हमसे अब होगी नहीं
ज़िन्दगी की बोझ यूँ ही उठाते रहेंगे हम,
षड्यंत्रों की कमी नहीं है
न जाने ज़िंदगी को क्या गिला है
फिर एक पल भी ना लगा ये सोचने में........
युद्ध नहीं अब शांति चाहिए
इक अदा मुझको दिखाया तो करो।
**हाल मेरे देश का मंदा है दोस्तों**
बदनाम शराब
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बना रही थी संवेदनशील मुझे
प्रेम और घृणा से ऊपर उठने के लिए जागृत दिशा होना अनिवार्य है
वो दौर था ज़माना जब नज़र किरदार पर रखता था।