फ़क़ीरी में खुश है वो
जो भी आते हैं यहाँ, करते दुआ सलाम
बारह घण्टे चाकरी, करूँ न मैं आराम
करूँ न मैं आराम, रखूँ मैं हिसाब सबका
मैं हूँ चौकीदार, नेक बन्दा हूँ रबका
महावीर कविराय, फ़क़ीरी में खुश है वो
यह जग एक सराय, राज़ ये समझा है जो
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जो भी आते हैं यहाँ, करते दुआ सलाम
बारह घण्टे चाकरी, करूँ न मैं आराम
करूँ न मैं आराम, रखूँ मैं हिसाब सबका
मैं हूँ चौकीदार, नेक बन्दा हूँ रबका
महावीर कविराय, फ़क़ीरी में खुश है वो
यह जग एक सराय, राज़ ये समझा है जो
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