फ़र्ज निभाकर चले गए
तुमने हंसते हुए दिखाई वीरता,
पाक आतंकी ठिकाने लगाये थे।
प्राण हथेली पर लेकर गये वीर,
ह्रदय आतंकियों के कंपाये थे।।
आज के दिन ही हमारी वायुसेना ने,
किए जब आतंकी ठिकाने नष्ट थे।
कैसा जलजला भयानक था मंजर,
स्ट्राइक से पाक को दिए कष्ट थे।।
14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर में,
कर आतंकियों ने हमले पुलवामा में।
भारत ने फिर लिया पाक से बदला,
पाक दुहाई मचाई तब गामां में।।
पौरुष के शाश्वत संबल वीरों के,
साहस शौर्य देश तुम्हारी थाती है।
सिंहनाद भारत माँ प्रबल ऊर्जा,
अनुपम निधि देशभक्ति पाती है।।
42 वीर जो बलिदान मौन हो गये,
दग्ध मना विदीर्ण होकर सो गये।
बना तिरंगा कफन उनका देशहित,
सजल नेत्र देशवासियों के हो गये।।
मानो वीर जन्म सफल हो गया,
अनुपम देशधर्म धन को पाया है।
वो फ़र्ज़ निभाकर जब चले गए,
देशभक्ति महाउपहार समाया है।।
तुम वीर पुरुष भारत की संतान,
हे वीरवर गंगाजल से पावन हो।
‘पृथ्वीसिंह’ भारत की ललकार,
हर भारतवासी के मनभावन हो।।
—
कवि पृथ्वीसिंह बैनीवाल