ज़िंदा जल रहे हैं हम।
हैं दिल पर चोट जो गहरे ख़ुदी से भर रहे हैं हम
हमारा हैं यहां सब कोई लेकिन मर रहे हैं हम।।
हमें कहने वाले वो चाँद के टुकड़े चले गए
अभी इस सोच में देखो जिंदा जल रहे हैं हम।।
©अनन्या राय पराशर®
हैं दिल पर चोट जो गहरे ख़ुदी से भर रहे हैं हम
हमारा हैं यहां सब कोई लेकिन मर रहे हैं हम।।
हमें कहने वाले वो चाँद के टुकड़े चले गए
अभी इस सोच में देखो जिंदा जल रहे हैं हम।।
©अनन्या राय पराशर®