ज़रा वो बात सुनो
*** ज़रा वो बात सुनो ***
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जरा ध्यान से वो बात सुनो,
हुआ जो मेरे साथ सुनो।
जंगली सुनसान राह जटिल,
संध्या से हुई प्रभात सुनो।
सुंदर परी के पीछे चला,
काली अंधेरी रात सुनो।
सहमा- सहमा डरा हुआ सा,
आँसुओं भरी बरसात सुनो।
श्वेत वस्त्र तन पर धारिणी,
प्यारी-न्यारी शुरुआत सुनो।
अंग – अंग से यौवन बरसे,
वासना भरे जज़्बात सुनो।
पल में ओझल हुई सुंदरी,
मनसीरत के ख्यालात सुनो।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)