Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Apr 2018 · 1 min read

** ज़ख्म हंसते रहे **

ज़ख्म हंसते रहे पीर दिल में उठी
चीर जाये जो दिल टीस ऐसी उठी
एक तन्हा था मैं दर्देदिल सहता रहा
दील अपना था मगर दर्द पराया रहा
एक एकांत मैं दिल कराहता रहा
हंसते-हंसते मैं दर्देदिल सहता रहा
नहीं कोई है ग़म ये कहता रहा
तन्हा-तन्हा ये दिल सब सहता रहा
ज़ख्म हंसते रहे पीर दिल में उठी
चीर जाये जो दिल टीस ऐसी उठी
हंसते-हंसते मैं दर्देदिल अपना रहा
कहदूं किसको मैं अब दर्दे दिल
दिल भी अब, ना अपना रहा
मुझको अपना ले कोई अपना समझ
मेरे ग़म मेरे दर्देदिल को अपना समझ
ज़ख्म हंसते रहे पीर दिल में उठी
चीर जाये जो दिल टीस ऐसी उठी ||
मधुप बैरागी

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 257 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
जाने क्यों भाता नहीं,
जाने क्यों भाता नहीं,
sushil sarna
राजनीतिक फायदे के लिए, तुम मुकदर्शक हो गये तो अनर्थ हो जाएगा
राजनीतिक फायदे के लिए, तुम मुकदर्शक हो गये तो अनर्थ हो जाएगा
नेताम आर सी
पितृ स्वरूपा,हे विधाता..!
पितृ स्वरूपा,हे विधाता..!
मनोज कर्ण
"Recovery isn’t perfect. it can be thinking you’re healed fo
पूर्वार्थ
"कथा" - व्यथा की लिखना - मुश्किल है
Atul "Krishn"
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - पूर्व आयुष निदेशक - दिल्ली
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - पूर्व आयुष निदेशक - दिल्ली
DR ARUN KUMAR SHASTRI
किराये के मकानों में
किराये के मकानों में
करन ''केसरा''
"अवसर"
Dr. Kishan tandon kranti
होली के मजे अब कुछ खास नही
होली के मजे अब कुछ खास नही
Rituraj shivem verma
संसाधन का दोहन
संसाधन का दोहन
Buddha Prakash
क़ाफ़िया तुकांत -आर
क़ाफ़िया तुकांत -आर
Yogmaya Sharma
नारी शक्ति
नारी शक्ति
भरत कुमार सोलंकी
वीरों की धरती......
वीरों की धरती......
रेवा राम बांधे
जागी जवानी
जागी जवानी
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
रामलला ! अभिनंदन है
रामलला ! अभिनंदन है
Ghanshyam Poddar
■दम हो तो...■
■दम हो तो...■
*प्रणय*
सावरकर ने लिखा 1857 की क्रान्ति का इतिहास
सावरकर ने लिखा 1857 की क्रान्ति का इतिहास
कवि रमेशराज
তার চেয়ে বেশি
তার চেয়ে বেশি
Otteri Selvakumar
लोग कहते हैं कि
लोग कहते हैं कि
VINOD CHAUHAN
आजा माँ आजा
आजा माँ आजा
Basant Bhagawan Roy
मोहब्बत का वो तोहफ़ा मैंने संभाल कर रखा है
मोहब्बत का वो तोहफ़ा मैंने संभाल कर रखा है
Rekha khichi
कविता 10 🌸माँ की छवि 🌸
कविता 10 🌸माँ की छवि 🌸
Mahima shukla
Kabhi kabhi paristhiti ya aur halat
Kabhi kabhi paristhiti ya aur halat
Mamta Rani
धीरे-धीरे सब ठीक नहीं सब ख़त्म हो जाएगा
धीरे-धीरे सब ठीक नहीं सब ख़त्म हो जाएगा
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
|| सेक्युलर ||
|| सेक्युलर ||
जय लगन कुमार हैप्पी
कुछ निशां
कुछ निशां
Dr fauzia Naseem shad
आपसे कोई लड़की मोहब्बत नही करती बल्की अपने अंदर अंतर्निहित व
आपसे कोई लड़की मोहब्बत नही करती बल्की अपने अंदर अंतर्निहित व
Rj Anand Prajapati
श्री राम का भ्रातृत्व प्रेम
श्री राम का भ्रातृत्व प्रेम
Pankaj Bindas
वीरांगना लक्ष्मीबाई
वीरांगना लक्ष्मीबाई
Anamika Tiwari 'annpurna '
खुद की तलाश में।
खुद की तलाश में।
Taj Mohammad
Loading...