ग़म न कर
खुश रहो,ग़म न करो,
दिन दो की है जिन्दगानी।
खून की रवानी, जिस्म की जवानी,
ये सब हैं ज्यों बहता पानी।
थम जाएगा बन समन्दर ,
ढह पड़ेगा तन का सिकंदर।
बस रह जाएगा तू बनकर
इक भूली हुई सी कहानी।
जी ले जी भर मुस्करा ले,
होगी ग़मगीनी तेरी नादानी।
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