क़लम की ताकत
क़लम तो झुकने को तनिक तैयार नहीं,
रोको तुम कितना पर रुकूँगा यार नहीं,
धुन का पक्का हूँ बात खरी करता हूँ,
कोई भी आ जाये पर मानूंगा हार नहीं,
क़लम तो झुकने को तनिक तैयार नहीं,
रोको तुम कितना पर रुकूँगा यार नहीं,
धुन का पक्का हूँ बात खरी करता हूँ,
कोई भी आ जाये पर मानूंगा हार नहीं,