*** क़त’अ/मुक्तक ***
212/212/212/212
साथ में वो मेरे थे तो क्या बात थी।
हर तरफ सिर्फ खुशियों की सौगात थी।
पाँव मेरे जमीं पर पड़े ही नहीं।
जिंदगी में मुहब्बत की बरसात थी।।
दीपक “दीप” श्रीवास्तव
महाराष्ट्र
212/212/212/212
साथ में वो मेरे थे तो क्या बात थी।
हर तरफ सिर्फ खुशियों की सौगात थी।
पाँव मेरे जमीं पर पड़े ही नहीं।
जिंदगी में मुहब्बत की बरसात थी।।
दीपक “दीप” श्रीवास्तव
महाराष्ट्र