मेरी प्रीत जुड़ी है तुझ से
कल्पित एक भोर पे आस टिकी थी, जिसकी ओस में तरुण कोपल जीवंत हुए।
*जानो आँखों से जरा ,किसका मुखड़ा कौन (कुंडलिया)*
ख्वाब कैसे कोई मुकम्मल हो,
वो बस सपने दिखाए जा रहे हैं।
पास आकर मुझे अब लगालो गले ,
अगर.... किसीसे ..... असीम प्रेम करो तो इतना कर लेना की तुम्ह
परीक्षाएं आती रहेंगी जाती रहेंगी,
दिल चाहता है अब वो लम्हें बुलाऐ जाऐं,
तथाकथित धार्मिक बोलबाला झूठ पर आधारित है
मैं अपनी आँख का ऐसा कोई एक ख्वाब हो जाऊँ
This Love That Feels Right!
तुम आये तो हमें इल्म रोशनी का हुआ
बंदूक के ट्रिगर पर नियंत्रण रखने से पहले अपने मस्तिष्क पर नि
अगर प्यार की राह पर हम चलेंगे