एक कलाकार/ साहित्यकार को ,
कभी बारिश में जो भींगी बहुत थी
एसी कमरों में लगे तो, दीर्घ-आँगन पट गए (गीतिका )
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मुझे नहीं नभ छूने का अभिलाष।
बंदूक से अत्यंत ज़्यादा विचार घातक होते हैं,
अंजाना सा साथ (लघु रचना ) ....
भुला न पाऊँगी तुम्हें....!
I don't need any more blush when I have you cuz you're the c
ग़ज़ल _ दर्द सावन के हसीं होते , सुहाती हैं बहारें !
हर किसी के लिए मौसम सुहाना नहीं होता,
पानी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*भारतीय क्रिकेटरों का जोश*
ये उम्र के निशाँ नहीं दर्द की लकीरें हैं
कपट का भाव ईर्ष्या या निजी स्वार्थ से पैदा होता है।
"उम्रों के बूढे हुए जिस्मो को लांघकर ,अगर कभी हम मिले तो उस