" न जाने क्या है जीवन में "
हल्की बातों से आँखों का भर जाना
हम शरीर मन बुद्धि से परे जा सकते हैं, बस हमें साहस की आवश्कत
हमें क्या पता मौत को गले लगाने जा रहे थे....😥😥😥
हर ख़ुशी तुम पे वार जायेंगे।
"समय का भरोसा नहीं है इसलिए जब तक जिंदगी है तब तक उदारता, वि
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
कभी विवादों में यूँ रहकर देखा।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*प्रभु पर विश्वास करो पूरा, वह सारा जगत चलाता है (राधेश्यामी
पतझड़ सिखाता है, मोह त्यागना। बिना मोह के जाने देना वाकई, कि
मैं चाहता हूं इस बड़ी सी जिन्दगानी में,
पसंद तो आ गई तस्वीर, यह आपकी हमको
जब मायके से जाती हैं परदेश बेटियाँ
ज़िंदगी कच्ची है सब जानते हैं