24/234. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
माँ आजा ना - आजा ना आंगन मेरी
*** मुंह लटकाए क्यों खड़ा है ***
ग़म का दरिया
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
जहां सत्य है वहां पवित्रता है, प्रेम है, एक आत्मिक शांति और
'अस्त्तित्व मेरा हिन्दुस्तानी है'
अच्छा बोलने से अगर अच्छा होता,
ग़ज़ल _ वफ़ा के बदले , वफ़ा मिलेगी ।
चुनौतियों और परेशानियों से डरकर
सावन
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
*हल्द्वानी का प्रसिद्ध बाबा लटूरिया आश्रम (कुंडलिया)*
अपने सपने कम कम करते ,पल पल देखा इसको बढ़ते
उससे मिलने को कहा देकर के वास्ता