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सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
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18 Feb 2024 · 1 min read
ॐ
ॐ
माया का चक्कर चला, साधु सिर से गया समाय,
गृहस्थ पग पग पाँव भरे, साधु सिर से सरपट दौड़ा जाय।।
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