एक समझदार मां रोते हुए बच्चे को चुप करवाने के लिए प्रकृति के
दिल आइना
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मैं नहीं हूं अपने पापा की परी
गीत- पिता संतान को ख़ुशियाँ...
" बंध खोले जाए मौसम "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
मृदुभाषी व्यक्ति मीठे अपने बोल से
तुम जिसे झूठ मेरा कहते हो
लिख रहा हूं कहानी गलत बात है
किसी से अपनी बांग लगवानी हो,
*गाता है शरद वाली पूनम की रात नभ (घनाक्षरी: सिंह विलोकित छंद
मैं राम का दीवाना
Vishnu Prasad 'panchotiya'
आज़ सच को भी सच बोल दिया मैंने,
ये बेरुखी अच्छी नहीं बातें करो।
कह रहा है वक़्त,तुम वफादार रहो
तन मन में प्रभु करें उजाला दीप जले खुशहाली हो।