समीक्षा- रास्ता बनकर रहा (ग़ज़ल संग्रह)
बंगाल में जाकर जितनी बार दीदी,
जहां विश्वास है वहां प्रेम है जहां मोह है वहां क्रोध है, हमे
गोपियों का विरह– प्रेम गीत।
प्रेम की साधना (एक सच्ची प्रेमकथा पर आधारित)
Sex in itself has no meaning. It’s what we make of it. Our s
यूं मुहब्बत में सब कुछ हारने वालों,
Kavi Shankarlal Dwivedi in a Kavi sammelan, sitting behind is Dr Pandit brajendra Awasthi
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
लोग होंगे दीवाने तेरे रूप के
आपकी लिखावट भी यह दर्शा देती है कि आपकी बुद्धिमत्ता क्या है
अब तो तमन्ना है कि, टूटे कांच सा बिखर जाऊं।
जब आए शरण विभीषण तो प्रभु ने लंका का राज दिया।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
हिंदी दिवस पर हर बोली भाषा को मेरा नमस्कार