दिल को लगाया है ,तुझसे सनम , रहेंगे जुदा ना ,ना बिछुड़ेंगे
मौत के बाज़ार में मारा गया मुझे।
यह अपना रिश्ता कभी होगा नहीं
दुःख इस बात का नहीं के तुमने बुलाया नहीं........
काँटे तो गुलाब में भी होते हैं
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जै जै अम्बे
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
नीली बदरिया में चांद निकलता है,
अंग्रेजों के बनाये कानून खत्म
खोने के लिए कुछ ख़ास नहीं
मनवा मन की कब सुने, करता इच्छित काम ।
शहर में आग लगी है उन्हें मालूम ही नहीं
प्यासा के कुंडलियां (झूठा)
इस्लामिक देश को छोड़ दिया जाए तो लगभग सभी देश के विश्वविद्या