ग़ज़ल __ दुआ देने से दुनिया में, दुआएं कम नहीं होती।
मोहब्बत का अंजाम कभी खुशी कभी गम।
Remembering that winter Night
कहानी- "हाजरा का बुर्क़ा ढीला है"
छिप-छिप अश्रु बहाने वालों, मोती व्यर्थ बहाने वालों
आसान नहीं होता घर से होस्टल जाना
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
*अर्चन स्वीकार करो हे शिव, बारिश का जल मैं लाया हूॅं (राधेश्
आप विषय पर खूब मंथन करें...
उलझी हुई जुल्फों में ही कितने उलझ गए।
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
करोगे रूह से जो काम दिल रुस्तम बना दोगे
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
तुम्हारे फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है