ॐ शिवाराधना ॐ
भोला कैलौं अरजि हम कतैक दिन ना,
भोला कैलौं अरजि हम कतैक दिन ना।
सबके त देलियै कते सुन्दर ललाट,
हमरे धिया लै कियै भेलियै यौ काठ।
यौ कतैक दिन ना ———1
जिनगी लगै छै भोला सऊँसे अन्हार ,
कौन कलम सौं लिखलौं कपार ,
यौ कतैक दिन ना ——।
जनमें सौं छै भोला तात विहीन,
हमरे लै कियै भेलियै मलीन ,
यौ कतैक दिन ना —-।
कौनो विधि नाथ बनियौ यौ तात,
धिया के दियौ युगल अशीर्वाद ,
यौ कतैक दिन ना —-।
जों मोरा भोलादानी हेथिन सहाय ,
शिखरी हिमालय सौं अवथिन ओ धाय ,
यौ कतैक दिन ना ,भोला कैलौं अरजि हम कतैक दिन ना —-।
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उमा झा