ह्रदय संवाद बनना है
शब्दों से मुझे हर ह्रदय का अहसास बनना है
अक्षर तृप्ति प्रेम की अक्षर अक्षर प्यास बनना है
आलौकिक काव्य निर्मित पुष्पमाल कर समर्पित
हृदय भाव व्यक्त हो जिससे वो संवाद बनना है
प्रज्ञा गोयल ©®
शब्दों से मुझे हर ह्रदय का अहसास बनना है
अक्षर तृप्ति प्रेम की अक्षर अक्षर प्यास बनना है
आलौकिक काव्य निर्मित पुष्पमाल कर समर्पित
हृदय भाव व्यक्त हो जिससे वो संवाद बनना है
प्रज्ञा गोयल ©®