Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Oct 2024 · 1 min read

हौसलों की उड़ान जो भरते हैं,

हौसलों की उड़ान जो भरते हैं,
वे जीवन में खूब आगे बढ़ते हैं!
वे बड़े – बड़े सपने देखा करते हैं,
और उसे हक़ीक़त में बदल देते हैं!

…. अजित कर्ण ✍️

1 Like · 9 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रमेशराज की कविता विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की कविता विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
कवि मोशाय।
कवि मोशाय।
Neelam Sharma
मासूम कोयला
मासूम कोयला
singh kunwar sarvendra vikram
मनमीत
मनमीत
लक्ष्मी सिंह
"पलते ढेरों अहसास"
Dr. Kishan tandon kranti
आसमाँ मेें तारे, कितने हैं प्यारे
आसमाँ मेें तारे, कितने हैं प्यारे
The_dk_poetry
सामाजिक कविता: पाना क्या?
सामाजिक कविता: पाना क्या?
Rajesh Kumar Arjun
दिनचर्या
दिनचर्या
Santosh kumar Miri
क़ुर्बानी
क़ुर्बानी
Shyam Sundar Subramanian
उसका आना
उसका आना
हिमांशु Kulshrestha
Outsmart Anxiety
Outsmart Anxiety
पूर्वार्थ
#सामयिक_व्यंग्य...
#सामयिक_व्यंग्य...
*प्रणय प्रभात*
अपने एहसास
अपने एहसास
Dr fauzia Naseem shad
जब कोई कहे आप लायक नहीं हो किसी के लिए
जब कोई कहे आप लायक नहीं हो किसी के लिए
Sonam Puneet Dubey
छठ व्रत की शुभकामनाएँ।
छठ व्रत की शुभकामनाएँ।
Anil Mishra Prahari
11, मेरा वजूद
11, मेरा वजूद
Dr .Shweta sood 'Madhu'
कौन सा हुनर है जिससे मुख़ातिब नही हूं मैं,
कौन सा हुनर है जिससे मुख़ातिब नही हूं मैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
भोजपुरी के संवैधानिक दर्जा बदे सरकार से अपील
भोजपुरी के संवैधानिक दर्जा बदे सरकार से अपील
आकाश महेशपुरी
आ अब लौट चले
आ अब लौट चले
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
याद आते हैं
याद आते हैं
Juhi Grover
कब भोर हुई कब सांझ ढली
कब भोर हुई कब सांझ ढली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*ऐसा स्वदेश है मेरा*
*ऐसा स्वदेश है मेरा*
Harminder Kaur
मतदान करो मतदान करो
मतदान करो मतदान करो
इंजी. संजय श्रीवास्तव
4684.*पूर्णिका*
4684.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
धरती
धरती
manjula chauhan
इश्क़ कमा कर लाए थे...💐
इश्क़ कमा कर लाए थे...💐
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
सोचो
सोचो
Dinesh Kumar Gangwar
आप क्या समझते है जनाब
आप क्या समझते है जनाब
शेखर सिंह
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
Otteri Selvakumar
लिखते हैं कई बार
लिखते हैं कई बार
Shweta Soni
Loading...