“हौसला रखना आवश्यक” #100 शब्दों की कहानी”
नीती गर्भवती होने के बावजूद भी सहायक पद परीक्षा हेतु आखिरी मौका गंवाना नहीं चाहती थी, सो बेटी को पति के पास छोड़कर पहली बार मां संग गई दिल्ली ।
वहां रेलवे यात्री निवास में विश्राम करने के लिए रूके ही थे कि तेज आंधी तूफान के साथ मुसलाधार बारिश ने रास्ते में रुकावट बनने की कोशिश जरूर की, पर मां बोली, ऐसे समय में शांत रहकर भगवान का नामस्मरण करते हुए हल ढूंढना चाहिए बेटी ।
क्षणभर में सुरक्षा-गार्ड ने छाते के सहारे मेट्रो में बिठाया, विषम परिस्थितियों में हिम्मत से सामना करने की सीख के साथ परीक्षाकेंद्र पहुंची।