Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jun 2023 · 1 min read

हो रही बरसात झमाझम….

हो रही बरसात झमाझम….

हो रही बरसात झमाझम मन मेरा भी मोर हुआ
चित को उसने किया है चोरी वो मेरा चित चोर हुआ।

बादल बरसे मिले धरा से तुम भी मिल लो अपने दिया से
तिमिर दूर कर लो जीवन का क्यों हो तुम यूं खफ़ा-खफ़ा से
हो रही बरसात झमाझम….

पशु भी खुश हैं खुश हैं पक्षी खुश है फ़सल बाजरे की
तुम भी मिलकर खुश हो लो न ये नहीं बात टालने की
हो रही बरसात झमाझम….

आ भी जाओ मत तरसाओ बारिश का नहीं कोई यकीं
अबके बरसे फ़िर कब आयें फिर तरसोगी जैसे जमीं
हो रही बरसात झमाझम….

डॉ. दीपक मेवाती

4 Likes · 894 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शीश झुकाएं
शीश झुकाएं
surenderpal vaidya
जो कभी रहते थे दिल के ख्याबानो में
जो कभी रहते थे दिल के ख्याबानो में
shabina. Naaz
भारत को आखिर फूटबौळ क्यों बना दिया ? ना पड़ोसियों के गोल पोस
भारत को आखिर फूटबौळ क्यों बना दिया ? ना पड़ोसियों के गोल पोस
DrLakshman Jha Parimal
बेटे का जन्मदिन
बेटे का जन्मदिन
Ashwani Kumar Jaiswal
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*प्रणय*
अंधा वो नहीं होता है
अंधा वो नहीं होता है
ओंकार मिश्र
सिद्धार्थ
सिद्धार्थ "बुद्ध" हुए
ruby kumari
2723.*पूर्णिका*
2723.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बसंती बहार
बसंती बहार
इंजी. संजय श्रीवास्तव
शिवोहं
शिवोहं
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
" याद रहे "
Dr. Kishan tandon kranti
नैनों के अभिसार ने,
नैनों के अभिसार ने,
sushil sarna
#शिक्षा व चिकित्सा
#शिक्षा व चिकित्सा
Radheshyam Khatik
मायका
मायका
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Fight
Fight
AJAY AMITABH SUMAN
*दादी ने गोदी में पाली (बाल कविता)*
*दादी ने गोदी में पाली (बाल कविता)*
Ravi Prakash
लोग कहते ही दो दिन की है ,
लोग कहते ही दो दिन की है ,
Sumer sinh
मैं अपने आप को समझा न पाया
मैं अपने आप को समझा न पाया
Manoj Mahato
दाद ओ तहसीन ओ सताइश न पज़ीराई को
दाद ओ तहसीन ओ सताइश न पज़ीराई को
Anis Shah
दोहा छंद
दोहा छंद
Yogmaya Sharma
मुद्दतों बाद मिलते पैर लड़खड़ाए थे,
मुद्दतों बाद मिलते पैर लड़खड़ाए थे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
एक स्वच्छ सच्चे अच्छे मन में ही
एक स्वच्छ सच्चे अच्छे मन में ही
Ranjeet kumar patre
Ranjeet Kumar Shukla- kanhauli
Ranjeet Kumar Shukla- kanhauli
हाजीपुर
मां
मां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
कि  इतनी भीड़ है कि मैं बहुत अकेली हूं ,
कि इतनी भीड़ है कि मैं बहुत अकेली हूं ,
Mamta Rawat
अरदास
अरदास
Buddha Prakash
यूँ तो इस पूरी क़ायनात मे यकीनन माँ जैसा कोई किरदार नहीं हो
यूँ तो इस पूरी क़ायनात मे यकीनन माँ जैसा कोई किरदार नहीं हो
पूर्वार्थ
জপ জপ কালী নাম জপ জপ দুর্গা নাম
জপ জপ কালী নাম জপ জপ দুর্গা নাম
Arghyadeep Chakraborty
तुम्हारे साथ,
तुम्हारे साथ,
हिमांशु Kulshrestha
Digital Currency: Pros and Cons on the Banking System and Impact on Financial Transactions.
Digital Currency: Pros and Cons on the Banking System and Impact on Financial Transactions.
Shyam Sundar Subramanian
Loading...