Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Nov 2022 · 1 min read

हो नहीं जब पा रहे हैं

गीत… ( हो नहीं जब पा रहे हैं..)

हो नहीं जब पा रहे हैं ठीक से भू पर खड़े।
मान लें कैसे बताओ हो गये हैं अब बड़े।।

प्रश्न करती उँगलियाँ ये उठ रही हैं जोर से।
हो गया हूँ चुप बहुत ही बादलों के शोर से।।
कार्य सारे दिख रहे हैं व्यर्थ से भू पर पड़े।
मान लें कैसे बताओ हो गये हैं अब बड़े।।

चढ़ नहीं दो पा रहे हैं सीढ़ियाँ भय भूल में।
लग गये उत्कर्ष अपना ढूँढ़ने हम धूल में।।
देख पाये ही नहीं जब भाग्य माथे पर गड़े।
मान लें कैसे बताओ हो गये हैं अब बड़े।।

जानता हूँ साथ देंगे सिर्फ अपने ही यहाँ।
पूछता हूँ हाँकते जो साथ देते कब कहाँ।।
तोड़ सकते हैं नहीं यूँ तार जो मन से जुड़े।
मान लें कैसे बताओ हो गये हैं अब बड़े।।

लग रहा है यदि बुरा तो मांग लेता हूँ क्षमा।
पर सही यह मानिएगा साधना ही है जमा।।
जब हमारे पास खाली शेष सपनों के घड़े।
मान लें कैसे बताओ हो गये हैं अब बड़े।।

हो नहीं जब पा रहे हैं ठीक से भू पर खड़े।
मान लें कैसे बताओ हो गये हैं अब बड़े।।

डाॅ. राजेन्द्र सिंह ‘राही’
(बस्ती उ. प्र.)

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 218 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
तारों से अभी ज्यादा बातें नहीं होती,
तारों से अभी ज्यादा बातें नहीं होती,
manjula chauhan
बड़े दिनों से चढ़ा है तेरे प्यार का नसा।
बड़े दिनों से चढ़ा है तेरे प्यार का नसा।
Diwakar Mahto
अंतरात्मा की आवाज
अंतरात्मा की आवाज
SURYA PRAKASH SHARMA
प्रकृति का भविष्य
प्रकृति का भविष्य
Bindesh kumar jha
अफवाह एक ऐसा धुआं है को बिना किसी आग के उठता है।
अफवाह एक ऐसा धुआं है को बिना किसी आग के उठता है।
Rj Anand Prajapati
2983.*पूर्णिका*
2983.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
फिर किस मोड़ पे मिलेंगे बिछड़कर हम दोनों,
फिर किस मोड़ पे मिलेंगे बिछड़कर हम दोनों,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
टुकड़े हजार किए
टुकड़े हजार किए
Pratibha Pandey
*मैंने तो मधु-विश्वासों की, कथा निरंतर बॉंची है (गीत)*
*मैंने तो मधु-विश्वासों की, कथा निरंतर बॉंची है (गीत)*
Ravi Prakash
3 *शख्सियत*
3 *शख्सियत*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
8) दिया दर्द वो
8) दिया दर्द वो
पूनम झा 'प्रथमा'
इत्तिफ़ाक़न मिला नहीं होता।
इत्तिफ़ाक़न मिला नहीं होता।
सत्य कुमार प्रेमी
खत्म हो चुका
खत्म हो चुका
sushil sarna
विषय :- रक्त रंजित मानवीयता रस-वीभत्स रस विधा-मधुमालती छंद आधारित गीत मापनी-2212 , 2212
विषय :- रक्त रंजित मानवीयता रस-वीभत्स रस विधा-मधुमालती छंद आधारित गीत मापनी-2212 , 2212
Neelam Sharma
आधुनिक भारत के कारीगर
आधुनिक भारत के कारीगर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
चित्रकोट जलप्रपात
चित्रकोट जलप्रपात
Dr. Kishan tandon kranti
खुद से भी सवाल कीजिए
खुद से भी सवाल कीजिए
Mahetaru madhukar
आ जाती हो याद तुम मुझको
आ जाती हो याद तुम मुझको
gurudeenverma198
स्नेहों की छाया में रहकर ,नयन छलक ही जाते हैं !
स्नेहों की छाया में रहकर ,नयन छलक ही जाते हैं !
DrLakshman Jha Parimal
लेकिन क्यों
लेकिन क्यों
Dinesh Kumar Gangwar
#स्वागतम
#स्वागतम
*प्रणय प्रभात*
दर्द के सिक्के बनाकर खरीद लूंगा ख़ुशी इक दिन
दर्द के सिक्के बनाकर खरीद लूंगा ख़ुशी इक दिन
सिद्धार्थ गोरखपुरी
कितनी आवाज़ दी
कितनी आवाज़ दी
Dr fauzia Naseem shad
जिज्ञासा
जिज्ञासा
Dr. Harvinder Singh Bakshi
~ इंसाफ की दास्तां ~
~ इंसाफ की दास्तां ~
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
Since morning
Since morning
Otteri Selvakumar
बेटी लक्ष्मी रूप है
बेटी लक्ष्मी रूप है
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
"Sometimes happiness and peace come when you lose something.
पूर्वार्थ
गंगा- सेवा के दस दिन (नौंवां दिन)
गंगा- सेवा के दस दिन (नौंवां दिन)
Kaushal Kishor Bhatt
Loading...