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20 Jun 2021 · 1 min read

होश

फ़रेब और फ़रेबी से जब वास्ता होता है।
न बचा आगे पीछे कोई रास्ता होता है।
फ़रेब करना था तो दुश्मन बन जाते,
अब तो दोस्त से भी होश फ़ाख्ता होता है।
-सिद्धार्थ गोरखपुरी

Language: Hindi
1 Comment · 243 Views
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