Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Mar 2021 · 1 min read

होली

जमाने भर मे्ं सबकी ये जुबां कैंची सी् चलती है!
अगर बैठी हो् बीबी सामने इक भी न चलती है!
नहीं डरते है्ं जो बंदूक की गोली व तोपों से,
वार बेलन का् होता जब हवा उनकी निकलती है!

…….✍ सत्य कुमार ‘प्रेमी’

Language: Hindi
205 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सत्य कुमार प्रेमी
View all

You may also like these posts

आज वक्त हूं खराब
आज वक्त हूं खराब
साहित्य गौरव
— मैं सैनिक हूँ —
— मैं सैनिक हूँ —
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
....एक झलक....
....एक झलक....
Naushaba Suriya
कविता के मीत प्रवासी- से
कविता के मीत प्रवासी- से
प्रो०लक्ष्मीकांत शर्मा
बुझाने को तैयार हैं कई दिल की आग को,
बुझाने को तैयार हैं कई दिल की आग को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नास्तिक सदा ही रहना...
नास्तिक सदा ही रहना...
मनोज कर्ण
शायद
शायद
सिद्धार्थ गोरखपुरी
प्रेम
प्रेम
पूर्वार्थ
बुद्ध पूर्णिमा शुभकामनाएं - बुद्ध के अनमोल विचार
बुद्ध पूर्णिमा शुभकामनाएं - बुद्ध के अनमोल विचार
Raju Gajbhiye
** जिंदगी कब मुस्कुराई **
** जिंदगी कब मुस्कुराई **
Dr. P.C. Bisen
3802.💐 *पूर्णिका* 💐
3802.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय*
जो सोचूँ मेरा अल्लाह वो ही पूरा कर देता है.......
जो सोचूँ मेरा अल्लाह वो ही पूरा कर देता है.......
shabina. Naaz
*आइसक्रीम (बाल कविता)*
*आइसक्रीम (बाल कविता)*
Ravi Prakash
एक अधूरे सफ़र के
एक अधूरे सफ़र के
हिमांशु Kulshrestha
नजराना
नजराना
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
जहां काम तहां नाम नहि, जहां नाम नहि काम ।
जहां काम तहां नाम नहि, जहां नाम नहि काम ।
Indu Singh
किया आहाँ गीत गाबैत छी ? जतय कमेंट करबा क अछि !
किया आहाँ गीत गाबैत छी ? जतय कमेंट करबा क अछि !
DrLakshman Jha Parimal
भरोसा सब पर कीजिए
भरोसा सब पर कीजिए
Ranjeet kumar patre
झिटकू-मिटकी
झिटकू-मिटकी
Dr. Kishan tandon kranti
नेता के बोल
नेता के बोल
Aman Sinha
सिंचित मन
सिंचित मन
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
एक ऐसा दोस्त
एक ऐसा दोस्त
Vandna Thakur
स्त्री बाकी है
स्त्री बाकी है
Arun Prasad
शायद ये सांसे सिसक रही है
शायद ये सांसे सिसक रही है
Ram Krishan Rastogi
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
उफ़ ये गहराइयों के अंदर भी,
उफ़ ये गहराइयों के अंदर भी,
Dr fauzia Naseem shad
शरद पूर्णिमा
शरद पूर्णिमा
Harminder Kaur
माखन चौर
माखन चौर
SZUBAIR KHAN KHAN
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
Loading...