होली रहन से खेलऽ
होली रहन से खेलऽ
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होली रहन से खेलऽ ये भइया होली रहन से खेलऽ
गारी तूँ देबऽ बहिनियो सुनी
बहिनियो सुनी आ मुनियो सुनी
उ सरम से अँखियो ना खोली-
ये भइया होली रहन से खेलऽ
मत फूहर-पातर गीत बजावऽ
बेटी-बहिन के मत लजवावऽ
न मारऽ तूँ कवनो टिभोली-
ये भइया होली रहन से खेलऽ
पाँकोँ से खेलबऽ बीमारी हो जाई
कि भरल थइली खाली हो जाई
मुँहवा से निकली ना बोली-
ये भइया होली रहन से खेलऽ
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 10/03/2014