होली मुबारक
बरस रहा है जो रंगों का प्यार होली में।
उमड़ रहा है प्यार बे शुमार होली में।
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तेरे दीदार की ख्वाहिश में दिल हमारा है।
इसीलिए तो है दिल बेकरार होली में।
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करेगा वादा वफा, मुझ से मिलने आएगा।
मैं कर रहा हूं तेरा इंतजार होली मे।
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सभी हैं डूबे हुए आज ऐसी मस्ती में।
किसी का दिल पे नहीं अख्तियार होली में।
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सजी हुई है यह धरती तमाम रंगों से।
फिजा भी मस्त है रंगे बहार होली में।
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सभी हैं मस्त यहां पीर जवां बच्चे भी।
सभी पर छाया हुआ है खुमार होली में।
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गले लगा लो भुला करके दुश्मनी सारी।
कोई रूठे मनाओ बार-बार होली में।
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बिछाओ फूल अब मेहमान आने वाले हैं।
हटाओ राहों से जो भी हों खार होली में।
सगीर उसको गले से लगाओ प्यार करो।
कि मुझसे मिलने को आया है यार होली में।
शायर
सगीर अहमद सिद्दीकी