होली खेलें नँदलाल
नँद नंदन,
अइयों बरसाने-
होली खेलिबे।
करै चिरौरी,
प्रेम दिवानी राधा-
नँद लाल से।
ढूँढते राधा,
घूम रहे श्याम –
बरसाने में।
होली खेलते,
भये रंग बिरंगे-
घनश्याम।
रंगी होली में,
बृषभानु किशोरी –
गोरी राधिका।
हुलसी राधा,
मनमोहन सँग-
होरी खेलिकें।
उड़ै गुलाल,
भई रंगीन फ़िज़ा –
बृज की आज।
आज होली में,
सब लोग लुगाई-
भये रंगीन।
जयन्ती प्रसाद शर्मा