होली खेलन के लिए हो जाओ तैयार।
कुण्डलिया छंद
होली खेलन के लिए हो जाओ तैयार।
फागुन लेकर आ गया देखो रंग हजार।
देखो रंग हजार प्रकृति भी झूम रही है।
जैसे हर गोरी प्रियतम को ढूंढ रही है।
कह चाचा हे नाथ रहे ना खाली झोली।
र्जिसको चाहें, रंग लगाएं हो गई होली।
……….✍️ प्रेमी