*** होली के रंग ***
होली के रंग
खेलो प्रीतम संग
लाल है गुलाल
गाल है गुलाल
तन है लाल लाल
मन है लाल लाल
खेले है हर बाल
आये हर साल
होली का त्योंहार
कोई धरे मनमोहन
मोहिनी का रूप
कोई हो जाये
इतना कुरूप
रंगो का ये मेल
दिलों का ये खेल
रह ना जाये कोई
दिलों में भेद
खेलो जी भर के
होली का ये खेल
रह ना जाये कोई
दिल में फिर खेद
होली मनाओ
अपने प्रीतम संग
रंगो का त्यौहार
रंगलो तन मन
प्रीतम के रंग संग । ?मधुप बैरागी