होली(दुमदार दोहे)
1
फागुन की मस्ती भरी, चलने लगी बयार
होली का चढ़ने लगा, दिल पर बड़ा खुमार
प्रीत ने ली अँगड़ाई, दुखों की हुई विदाई
2
होली खेलन को हुए,देवर भी तैयार
जीजा साली की हुई, प्यार भरी तकरार
करें वो हँसी ठिठोली ,हुए रिश्ते रंगोली
3
इस होली पर मिल गई, एक बड़ी सौगात
बरसों बिछड़े यार से, मिले हुई फिर बात
खुशी से नाचा ये मन,लौट आया फिर बचपन
4
लगी मूर्खों की यहाँ , होली पर चौपाल
दिखा मूर्खता का रहे , मिलकर सभी कमाल
गधे पर आये चलकर, हुई मस्ती भी जमकर
5
बचकर रहना सब जरा, होली है लठमार
नोंक -झोंक में भी भरा, देखो कितना प्यार
फांस दिल मे मत रखना, गले हँस हँस कर लगना
6
तन मन दोनों ही रँगें, डालो ऐसा रंग
होली खेली श्याम ने, ज्यूँ राधा के संग
रास भी खूब रचाई, मस्त नाचे कन्हाई
7
आँखों में पलते रहें,इंद्रधनुष से स्वप्न
हो जाते पूरे अगर , खूब मनाते जश्न
जलाकर दीपक मन में, रंग भरकर जीवन में
8
होठों पर संगीत है, धड़कन देती ताल
मन अपना मदहोश है, किसे सुनाये हाल
निकट है देखो होली , दूर लेकिन हमजोली
9
फागुन की हैं मस्तियाँ, बरस रहा है प्यार
उड़ा अबीर गुलाल है, जल की इधर फुहार
करो मत जोराजोरी, प्रेम की नाजुक डोरी
10
ठंडाई में घोल दी, जो थोड़ी सी भंग
पी मस्तों की टोलियां, खूब उड़ाएं रंग
हुये चेहरे रंगोली, करे सब हँसी ठिठोली
11
वृंदावन में तो बड़ा, होली का दिन खास
कान्हा राधा प्रेम के, खूब रचाते रास
गोपियों ग्वालों भी संग, उड़ाएं खुशियों के रंग
प्रेम पगीं गुजियां मिली, खुशियों भरा गुलाल
पर मन का न मैल मिटा, इसका रहा मलाल
01-02-2020
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद