होती है कुछ निर्लज्ज सी लड़कियां
होती है कुछ निर्लज्ज सी लड़कियां
जो बंध कर नहीं रहना चाहती
गाय की तरह किसी खूंटे से
नहीं रुकना चाहती है
किसी के रोकने से
नहीं झुकना जानती ऐसी लड़कियां
जिनके जन्म के साथ ही
लोग कसने लगते है फब्तियां
जिसके जींस पहनने में
सुनाती है औरते
उसकी मां को ताने
और जिसकी लंबाई बढ़ते ही
रिश्तेदार ले कर आने लग जाते है
ब्याह के रिश्ते
होती है कुछ बेहया सी लड़कियां
जो सीख जाती है मोटर साइकिल चलाना
और खेलने लगती हैं फुटबॉल
करने लग जाती है बैंक में नौकरी
चलाने लगती हैं ट्रेन और हवाईजहाज
मायके और ससुराल से दूर
किसी अनजान शहर में अकेली रहती है
कुछ बेशर्म सी लड़कियां
अपनी अस्मिता का इल्म किए बिना
लड़ने चल पड़ती हैं सबसे
बंदूके तान कर देश की अस्मिता की रक्षा करती है
कुछ ऐसी लड़कियां
बेहया सी लड़कियां ……..अभिषेक राजहंस