*** होता अश्क़ इन आँखों में ***
होता अश्क़ इन आंखों में तो फिर ये
दरिया-ए-दिल कभी सूखा नही होता ।।
?मधुप बैरागी
बहरी है दीवारे जो कभी दो कान रखती थी
और लोग कहते थे दीवारों के भी कान होते है ।।
?मधुप बैरागी
होता अश्क़ इन आंखों में तो फिर ये
दरिया-ए-दिल कभी सूखा नही होता ।।
?मधुप बैरागी
बहरी है दीवारे जो कभी दो कान रखती थी
और लोग कहते थे दीवारों के भी कान होते है ।।
?मधुप बैरागी