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21 Jun 2023 · 1 min read

****होठों से होंठ मिलाते हैँ लोग****

****होठों से होंठ मिलाते हैँ लोग****
*****************************

जिन हाथों से पानी नहीं पीते है लोग,
हवस मे होंठ से होंठ मिलाते है लोग।

नीची जाति के नाम भेद जो करते है,
अकेले में तन से तन लगाते हैँ लोग।

भीड़ मे साथ अक्सर जो रहें छोड़ते,
मौकापरस्ती में शीश झुकाते है लोग।

भरी महफिल मे ऑंखें फेरने वाले,
तन्हाई में झट नजरें मिलाते हैं लोग।

सामने अतिश्योक्ति पुल बाँधने वाले,
पीठ पीछे खरी खौटी सुनाते है लोग।

शान ए शौकत में रत जो मनसीरत,
अवसरोचित फायदा उठाते हैँ लोग।
*****************************
सुखविन्द्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैंथल)

Language: Hindi
379 Views
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