होठों पर मुस्कान हो
होठों पर मुस्कान हो,हो नैनों मे नूर।
बुद्ध सदा उर में रहें,रहो क्लेश से दूर।।
रहो क्लेश से दूर,न होवें गीले नैना।
हो जीवन खुशहाल, खुशी में बीते रैना।।
करूँ यही अरदास,गगन मे जितने तारे।
बीते उतने साल,प्रिये अब साथ तुम्हारे।।
✍️जटाशंकर”जटा”