होगा कोई ऐसा पागल
होगा कोई ऐसा पागल, जो तुमसे दिल लगायेगा।
मोहब्बत तुमसे करके जो, बर्बादी अपनी करवायेगा।।
होगा कोई ऐसा पागल—————-।।
देख रहा हूँ मैं तुमको, साफ नहीं है दिल तेरा।
मोहब्बत है तुमको दौलत से, महलों का है ख्वाब तेरा।।
नहीं कोई खुशी हमको, देखकर तेरी यह महफ़िल।
होगा कोई ऐसा मजबूर, जो सोहबत तेरी चाहेगा।।
होगा कोई ऐसा पागल——————–।।
रोशन गगन का चाँद, तुमसे हसीन कम नहीं।
चाहे वह माहताब है, लेकिन उसमें अहम नहीं।।
लेकिन ताब से तेरा चेहरा तो, हो जायेगा बदसूरत।
होगा कोई ऐसा बेकार, जो तुमको मूरत मानेगा।।
होगा कोई ऐसा पागल——————–।।
कौन हुआ है आबाद, करके मोहब्बत हुर्रों से।
प्यार हुआ है बदनाम, हसीनाओं के जलवों से।।
गुलामी क्यों करें इनकी, जी.आज़ाद हैं हम तो।
होगा कोई ऐसा बदनाम, जो तुमको ख्वाब बनायेगा।
होगा कोई ऐसा पागल——————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)