है हिन्दी उत्पत्ति की,
है हिन्दी उत्पत्ति की,
मूल शौर* अप’भ्रंश
पाली, प्राकृत बाद में,
संस्कृत पहला अंश
—महावीर उत्तरांचली
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*शौर—शौरसेनी यानि राजस्थानी (मारवाड़ी, मालवी, मेवाती, जयपुरी), पहाड़ी हिंदी (कुमाऊँनी, गढ़वाली), पश्चिमी हिंदी (ब्रजभाषा, कन्नौजी, खड़ी बोली, हरियाणवी, दक्खिनी)।