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15 Nov 2022 · 1 min read

है सुकूँ से भरा एक घर ज़िन्दगी

है सुकूँ से भरा एक घर ज़िन्दगी
प्यार का एक प्यारा सफ़र ज़िन्दगी

ये हकीकत, कभी ख़्वाब जैसी लगे
फूल – काँटों भरी है डगर ज़िन्दगी

जब मिले ख़ूबसूरत नशीली लगे
है मुहब्बत भरी इक नज़र ज़िन्दगी

हाथ थामे चले जा रहे हम उधर
जा रही हमको लेकर जिधर ज़िन्दगी

फिर न देखेगी मुँह मोड़कर ये हमें
जब चली जाएगी छोड़कर ज़िन्दगी

थामना डोर इसकी ज़रा प्यार से
टूटकर फिर न जाये बिखर ज़िन्दगी

है ये छोटी बहुत ध्यान रखना मगर
आँसुओं से न हो तरबतर ज़िन्दगी

‘अर्चना’ वक़्त की जब मिलेगी दवा
जाएगी दर्द से फिर उबर ज़िन्दगी
837
डॉअर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

Language: Hindi
2 Likes · 189 Views
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