है ये चीनी पाप
त्राहिमाम हर ओर है, है ये चीनी पाप।
शहरों से मुख मोड़ कर, गांव चले हम आप।।
कोरोना फैला रहा, मानवता मे रार।
लड़ना है इससे हमें, रोगी से कर प्यार।।
भीड़-भाड़ मत जाइए, साफ रखें सब अंग।
हाथ मिलाना छोड़कर, जीतेगें हम जंग।।
बात”जटा”मत टालिए, रहिए निज घर द्वार।
दो गज दूरी साध कर, करिए इस पर वार।।
जटाशंकर “जटा”
१८-०५-२०२०