है प्रीत बिना जीवन का मोल कहाँ देखो,
है प्रीत बिना जीवन का मोल कहाँ देखो,
क्यों हार गये बाज़ी, है झोल कहाँ देखो,
तुम भूल चुके अपनी शक्ति,भीम बने मद में,
कल रात किसे बतलाया पोल कहाँ देखो।
-©अभिषेक श्रीवास्तव “शिवा”
है प्रीत बिना जीवन का मोल कहाँ देखो,
क्यों हार गये बाज़ी, है झोल कहाँ देखो,
तुम भूल चुके अपनी शक्ति,भीम बने मद में,
कल रात किसे बतलाया पोल कहाँ देखो।
-©अभिषेक श्रीवास्तव “शिवा”