Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 May 2024 · 1 min read

है गरीबी खुद ही धोखा और गरीब भी, बदल सके तो वह शहर जाता है।

है गरीबी खुद ही धोखा और गरीब भी, बदल सके तो वह शहर जाता है।
वह बिंदास बेखबर जाता है,
जब इंसान अपने घर जाता है।।
“संजय”

1 Like · 204 Views

You may also like these posts

हे प्रभु !
हे प्रभु !
Shubham Pandey (S P)
फूल तितली भंवरे जुगनू
फूल तितली भंवरे जुगनू
VINOD CHAUHAN
इतना मत इठलाया कर इस जवानी पर
इतना मत इठलाया कर इस जवानी पर
Keshav kishor Kumar
متفررق اشعار
متفررق اشعار
अरशद रसूल बदायूंनी
सस्ते नशे सी चढ़ी थी तेरी खुमारी।
सस्ते नशे सी चढ़ी थी तेरी खुमारी।
Rj Anand Prajapati
छोड़ आलस
छोड़ आलस
Sukeshini Budhawne
*मोलभाव से बाजारूपन, रिश्तों में भी आया है (हिंदी गजल)*
*मोलभाव से बाजारूपन, रिश्तों में भी आया है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
* तुगलकी फरमान*
* तुगलकी फरमान*
Dushyant Kumar
पानी की तरह प्रेम भी निशुल्क होते हुए भी
पानी की तरह प्रेम भी निशुल्क होते हुए भी
शेखर सिंह
3775.💐 *पूर्णिका* 💐
3775.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
"इंसानियत की लाज"
Dr. Kishan tandon kranti
विजया दशमी की हार्दिक बधाई शुभकामनाएं 🙏
विजया दशमी की हार्दिक बधाई शुभकामनाएं 🙏
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
प्रेम क्या है?
प्रेम क्या है?
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
16 नारी
16 नारी
Lalni Bhardwaj
तुम्हारा हो
तुम्हारा हो
Deepesh Dwivedi
*।।ॐ।।*
*।।ॐ।।*
Satyaveer vaishnav
वो गुस्से वाली रात सुहानी
वो गुस्से वाली रात सुहानी
bhandari lokesh
कोशिश करना छोड़ो मत,
कोशिश करना छोड़ो मत,
Ranjeet kumar patre
राज जिन बातों में था उनका राज ही रहने दिया
राज जिन बातों में था उनका राज ही रहने दिया
डॉ. दीपक बवेजा
फिर बात करते हैं
फिर बात करते हैं
Jyoti Roshni
हमें अपने स्वभाव और कर्तव्य दोनों के बीच अंतर को समझना होगा
हमें अपने स्वभाव और कर्तव्य दोनों के बीच अंतर को समझना होगा
Ravikesh Jha
अश'आर हैं तेरे।
अश'आर हैं तेरे।
Neelam Sharma
मेरी राह
मेरी राह
Shekhar Deshmukh
मानस हंस छंद
मानस हंस छंद
Subhash Singhai
शराब
शराब
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
चंदा
चंदा
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
अध्यापक :-बच्चों रामचंद्र जी ने समुद्र पर पुल बनाने का निर्ण
अध्यापक :-बच्चों रामचंद्र जी ने समुद्र पर पुल बनाने का निर्ण
Rituraj shivem verma
शैर
शैर
कवि कृष्णा बेदर्दी 💔
बुजुर्ग कहीं नहीं जाते ...( पितृ पक्ष अमावस्या विशेष )
बुजुर्ग कहीं नहीं जाते ...( पितृ पक्ष अमावस्या विशेष )
ओनिका सेतिया 'अनु '
#देसी ग़ज़ल
#देसी ग़ज़ल
*प्रणय*
Loading...