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1 Dec 2017 · 1 min read

हैं नजदीक चुनाव

नेताओं का जिस तरह,बदला स्वत: स्वभाव !
शायद मेरे देश मे,……..हैं नजदीक चुनाव ! !

राजनीति मे घुस गया, वंशवाद पुरजोर !
ले जाएगा देश को,पता नही किस ओर ! !

होते नही समक्ष पर,रखें परस्पर ध्यान !
लगते है अच्छे मुझे, मित्र वही श्रीमान ! !

दिल में जिसके पाप का ,होता रहे निवेश !
कैसे जाए द्वार पर,……उसके बता रमेश ! !
रमेश शर्मा

Language: Hindi
1 Like · 204 Views
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