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5 Jun 2024 · 1 min read

हे वतन तेरे लिए, हे वतन तेरे लिए

हे वतन तेरे लिए, हे वतन तेरे लिए।
अर्पण है जीवन हमारा, यह किसके लिए।।
हे वतन तेरे लिए———————।।

नहीं हमारा स्वार्थ कुछ, नहीं कोई और ख्वाब है।
तू रहे आबाद हमेशा, यही हमारा ख्वाब है।।
वीरों ने दी कुर्बानी, लेकिन वह किसके लिए।
हे वतन तेरे लिए——————–।।

तू ही मालिक है हमारा, तू ही रहबर हमारा।
तू ही पूजा है हमारी, तू ही मंदिर हमारा।।
माँगते हैं हम दुहायें, रब से किसके लिए।
हे वतन तेरे लिए———————-।।

नहीं किसी से प्यार इतना, जितना चाहते हैं तुम्हें।
सबसे प्यारा तू है हमें, यकीन हो हम पर तुम्हें।।
रोशन ये चिराग किये हैं, हमने मगर किसके लिए।
हे वतन तेरे लिए———————।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आजाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
26 Views
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