हे राम तुम्हारा अभिनंदन।
गीत
22/22/22/22
हाजिर लेकर रोली चंदन।
हे राम तुम्हारा अभिनंदन।
कब से सब आश लगाए हैं।
तब जाके ये दिन पाये हैं।
सब नैन बिछाए बैठे थे।
बस राह तुम्हारी तकते थे।
कब आएंगे प्रिय रघुनंदन।……हे राम तुम्हारा अभिनंदन।
दिल करता आंखों में भर लूं।
तुमको बस अपना ही कर लूं।
दिल के दरवाजे खोल दिए।
आओ झटपट से बॅंद कर लूं।
करने दो तन मन से वंदन।…..हे राम तुम्हारा अभिनंदन।
हैं एक सभी भारत वासी।
हो मथुरा नगरी या काशी।
सब लोग तुम्हारे ही तो हैं।
तुम जो ठहरे घट घट वासी।
अब हरो दर्द पीड़ा क्रंदन।…….हे राम तुम्हारा अभिनंदन।
हम सब खुशियों में झूम रहे।
अगणित रावण भी घूम रहे।
संहार करोगे तुम सबका।
सब नगरी वासी सोच रहे।
तुम सॅंग जो हैं मारुति नंदन।…हे राम तुम्हारा अभिनंदन।
………✍️ सत्य कुमार प्रेमी