हे राघव अभिनन्दन है
हे राघव अभिनन्दन है
प्रकृति करे धरा शृंगार
कण-कण है सुमन सरीखे
सूर्य भी अब उत्सुक दीखें
कुल में अब प्रकट हुए हैं
समस्त सृष्टि के आधार
वन की सुरभि हुई चंदन हैं,
हे राघव अभिनन्दन है,
हे राघव अभिनन्दन है…✍️
प्रभु श्रीराम सभी की सब प्रकार से रक्षा करें..
हर-हर महादेव 🙏
-पंकज पाण्डेय ‘सावर्ण्य’