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19 Dec 2024 · 1 min read

हे प्रभु!

हे प्रभु !
______

हे प्रभु ! दया करो
मन मेरा भटका
इसको सुधारो ।

जीवन निरर्थक लगता
घोर अशांति छायी
प्रभु तुम बिन सब
सूना-सूना लगता ।

हे प्रभु ! दया करो
संसार में आसक्त हूं
डूबती नैया, पार करो ।

निष्काम प्रेमी बनूं
निर्भय सदा रहूं
सद्भाव हृदय में हो
सदा आत्मा की सुनूं

हे प्रभु ! दया करो
निरभिमानी हो जाऊं
दयानिधि ऐसी दया करो ।

– मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
ग्राम रिहावली, पोस्ट तारौली गूजर, फतेहाबाद, आगरा, उत्तर प्रदेश 283111
9627912535

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